Full-Width Version (true/false)

भूतिया हवेली का राज Real Bhoot ki kahani

Bhoot ki kahani, Bhootni, Bhoot, Bhoot ki picture Real Horror Story, Real Horror Stories, Real Horror Story In Hindi, Real Bhoot Story, Bhoot Story Real, True Horror Stories, Bhot Story, Paranormal, Chudail Ka Bhoot, Bhoot story For Kids, Bhoot Story, Bhootiya Story, Bhoot Ki Stories, Bhoot Story In Hindi, Bhoot Stories Hindi, Story Bhoot Ki Story, Bhoot Pret Real Story In Hind, भूत की कहानी, भूतनी, भूत

भूतिया हवेली का राज



horror story in hindi

 


नीला चाँदनी रात थी, जब रितिक अपने दादा के बड़े और विरासत के घर में पहुँचा। यह बड़ा हवेली सुंदर बागबानी और पुरानी शैली की नक्काशी के लिए प्रसिद्ध था, लेकिन इसमें कुछ अजीब था। रात का मौसम ठंडा था और वातावरण भी अजीब तरह का बना हुआ था।

रितिक को बड़े हवेली का स्वागत हुआ, लेकिन उसके मन में एक अजीब सी बेचैनी थी। रात के समय, जब वह अपने कमरे में पहुँचा, तो वह नोटिस करने लगा कि कहीं-कहीं अंधकार में छुपी कुछ गरजती हुई आवाजें आ रही थीं।

बहुत तेज बारिश हो रही थी और वह बूँदों की गति के साथ छत की खिड़की से आ रही थीं। रितिक ने अपनी कमरे की खिड़की खोली और बारिश का मजा लेने की सोचा।

वह बारिश के मौसम का आनंद लेने के लिए अपनी कमरे से बाहर निकला। हवेली के बगीचे में उसने अपने दादा की तस्वीरों को देखा, जिनकी आंखों में एक अजीब सी चमक थी।

बारिश की बूँदों ने उसके चेहरे को छुआ और एक ठंडी ब्रीज के साथ वह महसूस करने लगा कि कोई उसको देख रहा है। वह तेज गति से मुड़ा, लेकिन कुछ ही कदमों के बाद, बूँदों की एक अजीब सी गूंथ उसके पास से गुजरी।

रितिक ने विचलित होकर पीछे मुड़ा, लेकिन कुछ नहीं था। वह खुद को बहकाया हुआ महसूस करने लगा और जल्दी से हवेली की दिशा में बढ़ने लगा।

हवेली के दरवाजे के पास पहुँचकर, वह देखा कि दरवाजा हल्का सा खुला हुआ है। वह उस दरवाजे के अंदर की ओर बढ़ा और देखा कि हवेली का एक कमरा सीधे सामने है।

रितिक ने धीरे-धीरे कमरे की तरफ बढ़ते हुए वहां जाकर देखा कि कमरे में कोई नहीं है। लेकिन एक और चीज उसका ध्यान आकर्षित कर रही थी।

उस कमरे के मध्य में एक पुराना बॉक्स खुला हुआ था, जिसमें एक पुराना साया था। रितिक ने वह साया उठाया और देखा कि यह एक पुराना खाता था।

खाते के पन्नों पर, रितिक ने अपने दादा की लेखनी में लिखा हुआ देखा, "यह हवेली हमारे पुरखों की एक रहस्यमय घटना का साक्षात्कार करती है।"

खत में, दादा ने लिखा था कि हवेली में रात्रि के समय आवाजें सुनाई देती हैं और एक अजीब सी चीख उठती है। रितिक ने खत को बंद करके अपनी नींद के लिए अपने कमरे की ओर बढ़ा, लेकिन उसने एक आवाज सुनी - वही अजीब चीख, जो उसके दादा की तस्वीरों में थी।

रितिक ने हवेली में घूमना बंद कर दिया और वह अपने कमरे में वापस लौटा। लेकिन उसने वहां सुनी जाने वाली आवाजें नहीं रुकीं, बल्कि वे और भी बढ़ती जा रही थीं। हवेली में बूँदों की गति बढ़ रही थी और वहां से एक अजीब सी चमक फैल रही थी।

रितिक ने दादा के खाते को अपनी कमरे में ले जाकर पढ़ा, लेकिन अचानक वह सब कुछ समझ गया। हवेली में कुछ अजीब हो रहा था, जो उसकी समझ से परे था। उसने महसूस किया कि यह सब कुछ एक अजीब सी शक्ति की वजह से हो रहा है, जो उसे और उसके पुरखों को बाँधा हुआ था।

Post a Comment

0 Comments